गैरुल्लाह को पुकारना

📌 गैरुल्लाह को पुकारना

✨अल्लाह तआला वो हस्ती है जो हर पल, हर वक़्त अपने बन्दों की दुआयें सुनता है, क़ुरआन में हक़ तआला का इरशाद-ए-आली है:

🔷ऐ रसूल ﷺ! जब मेरे बन्दे आप से मेरे बारे में पूछें तो (आप उनसे कह दीजिए कि) मैं इतना क़रीब हूँ कि जब कोई मुझे पुकारता है तो मैं पुकारने वाले की पुकार सुनता हूँ। लिहाज़ा वे भी मेरी बात दिल से क़ुबूल करें, और मुझ पर ईमान लायें, ताकि वे सही रास्ते पर आ जायें।
📖 सूरह बक़रह 2:186

💠साथ ही कायनात का अकेला बादशाह इसे सख्त नापसंद करता है कि उसके अलावा किसी और को पुकारा जाए, इसी का ज़िक्र क़ुरआन में इस तरह आया है:

🔷तुम्हारा रब कहता है, “मुझे पुकारो, मैं तुम्हारी दुआएँ क़बूल करूँगा, जो लोग घमण्ड में आकर मेरी इबादत से मुँह मोड़ते हैं, ज़रूर वो बेइज़्ज़त और रुसवा होकर जहन्नम में दाख़िल होंगे।”
📖 सूरह मोमिन 40:60

🔷और अल्लाह को छोड़कर किसी ऐसी हस्ती को न पुकार जो तुझे न फ़ायदा पहुँचा सकती है, न नुक़सान। अगर तू ऐसा करेगा तो ज़ालिमों में से होगा।
📖 सूरह युनूस 10:106

📌अल्लाह ने क़ुरआन में कई मुक़ामात पर जाहिल इन्सानों के इस अमल की मजम्मत की और उन्हें कई मिसालों से समझाया कि उसके क़ब्जा-ए-क़ुदरत अलावा किसी भी नबी/वली/फरिश्ते/बुजुर्ग के इख्तियार में कोई शै नहीं है,
इरशादे रब्बानी है:

🔷लोगो! एक मिसाल बयान की जा रही है, अब उसे कान लगाकर सुनो! तुम लोग अल्लाह को छोड़कर जिन-जिनको दुअ़ा के लिये पुकारते हो वे एक मक्खी भी पैदा नहीं कर सकते, चाहे इस काम के लिये सब के सब इकट्ठे हो जायें। और अगर मक्खी उनसे कोई चीज़ छीनकर ले जाये तो वे उससे छुड़ा भी नहीं सकते। ऐसा दुअ़ा माँगने वाला भी बोदा (कमज़ोर) और जिससे दुअ़ा मांगी जा रही है वह भी!
📖 सूरह हज़ 22:73

🔷भला वह कौन है कि जब कोई बेक़रार उसे पुकारता है तो वह उसकी दुअ़ा क़ुबूल करता है, और तकलीफ़ दूर कर देता है, और जो तुम्हें ज़मीन का ख़लीफ़ा बनाता है? क्या (फिर भी तुम कहते हो कि) अल्लाह के साथ कोई और ख़ुदा है? नहीं! बल्कि तुम बहुत कम नसीहत क़ुबूल करते हो।
📖 सूरह नम्ल 27:62

📌अल्लाह ने अपने हबीब ﷺ को हुक्म दिया कि:
🔷(ऐ पैगम्बर ﷺ!) आप कह दें कि जब तक अल्लाह न चाहे मैं ख़ुद अपने आपको भी कोई नफ़ा या नुक़सान पहुँचाने का इख़्तियार नहीं रखता, और अगर मुझे गै़ब का (मुकम्मल) इल्म होता तो मैं खूब अच्छी-अच्छी चीजे़ं जमा करता, और मुझे कभी कोई तकलीफ़ ही न पहुँचती। मैं तो बस एक होशियार करने वाला और ख़ुशख़बरी सुनाने वाला हूँ उन लोगों के लिये जो मेरी बात मानें।
📖 सूरह आराफ 7:188

📒रिसर्च पेपर: दुआ सिर्फ अल्लाह ही से

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