आधुनिक युग और इस्लाम

आधुनिक युग और इस्लाम

💡आधुनिक युग में सोच विचार की आज़ादी को सबसे बेहतर भलाई (Summum Bonum) समझा जाता है। आम तौर पर यह माना जाता है कि यह स्वतंत्रता पश्चिम की वैज्ञानिक क्रांति का परिणाम है।
◇यह सही है कि इसका तात्कालिक और निकटतम कारण आधुनिक वैज्ञानिक क्रांति है, लेकिन स्वयं यह वैज्ञानिक क्रांति, जैसा कि पिछले पृष्ठों में विस्तार से बताया गया है, इस्लाम की एकेश्वरवादी क्रांति का परिणाम थी।

🔹फ्रांसीसी विचारक और दार्शनिक जीन जैक्वेस रूसो (1712-1778 ई०) को आधुनिक लोकतंत्र के संस्थापकों में गिना जाता है। उसने अपनी पुस्तक ‘द सोशल कॉन्ट्रैक्ट’ (The Social Contract) इन शब्दों के साथ शुरू की थी-
⛓️ “इंसान आज़ाद पैदा हुआ था, लेकिन मैं इसे ज़ंजीरों में जकड़ा हुआ पाता हूँ।”

🔸इस प्रकार इंसानी दास्तान पर व्यक्त किए गए ये शोक के जज़्बात वास्तव में रूसो की देन नहीं हैं।
✅यह दरअसल इस्लामी ख़लीफ़ा उमर फ़ारूक़ (586-644 ई०) के उस शानदार कथन की गूँज है, जो उन्होंने अपने मिस्र के गवर्नर अम्र इब्न अल-आस को संबोधित करते हुए कहा था,
✨”ऐ अम्र! तुमने कब से लोगों को गुलाम बना लिया, हालाँकि उनकी माँओं ने उन्हें आज़ाद पैदा किया था ?”

🌍आधुनिक युग में यूरोप में और उसके बाद सारी दुनिया में स्वतंत्रता और लोकतंत्र की जो क्रांति आई, वह उस क्रांति का दूसरा क़दम था, जो इस्लाम के द्वारा 7 वीं सदी में शुरू हुआ था।

📒जारी…

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